Wheat : गेहूं की यह किस्म किसानों को कर देगी मालामाल। देगी जबरजस्त पैदावार। किसानों को देगी लाखों का मुनाफा।गेहूं की यह किस्में अच्छी पैदावार देने के साथ इसकी क्वालिटी भी दमदार होती है, इस क्वालिटी के दाने चकमकदार होते हैं,इस किस्म को हाल ही में विकसित किया गया है.
Wheat : गेहूं की इन किस्मों में बीमारियों और कीटों का खतरा बहुत कम होता है। साथ ही यह किस्म जल्दी पक जाती है. यह किस्म उन राज्यों में गेहूं का उत्पादन बढ़ा सकती है जहां गेहूं उगाया जाता है। गेहूं की सभी किस्मों की विशेषताएँ नीचे दी गई हैं।
GW 322 गेहूं की इस किस्म को भारत के अन्य राज्यों में भी उगाया जा सकता है। इस किस्म को 3 से 4 सिंचाई की आवश्यकता होती है.
HD 4728 (Pusa Malawa)
गेहूं एचडी 4728 (Pusa Malawa) की कुल उपज 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। मिट्टी की उर्वरता के आधार पर एचडी 4728 गेहूं की खेती भारत के सभी राज्यों में की जा सकती है। यह किस्म 3 से 4 सिंचाई के बाद पक जाती है.
Wheat : जबलपुर के प्रयोग में पूसा तेजस गेहूं 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन के बाद किसानों को दिया गया तब से ये किस्में खेतों में उगाई जाने लगी हैं। गेहूं की यह किस्म 110 – 115 दिन में पक जाती है. इस किस्म को सिंचाई की कम आवश्यकता होती है. इस किस्म को श्रीराम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स के विश्व प्रसिद्ध गेहूं वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है।
Wheat : श्री राम की फसल की लेट बुआई होती हे,यह लगभग 3 महीने में पक जाता है। इस किस्म के दाने चमकदार होते हैं, मध्य प्रदेश के किसानों के मुताबिक श्रीराम सुपर 111 (Shriram Super 111) की पैदावार प्रति एकड़ 22 क्विंटल होती है.